Gangatiri Cow : Characteristics and Performance of Gangatiri Cow |

गंगातीरी गाय की बिहार और उत्तरप्रदेश में गंगा के किनारे वाले प्रदेशों में उत्पत्ति हुई है. उत्तरप्रदेश के बलिया और गाजीपुर तथा बिहार के रोहतास और शाहबाद जिले इसके उद्गम स्थल हैं |

गंगा नदी के किनारे के इलाकों में पायी जाने वाली ये गाये अच्छी दूध देने वाली मानी जाती हैं । गंगातीरी का विकास हरयाणा नस्ल से किया गया है, जो दुधारू गायों के विकास का एक विस्तार है।

गंगातीरी नस्ल की शारीरिक विशेषता :-

यह एक दोहरे उद्देश्य वाली नस्ल होती है. गंगातीरी पशुओं को दूध उत्पादन और कृषि उद्द्येश्यों के लिए पाला जाता है. बैल जुताई, तथा दुसरे मेहनत के कार्य के लिए उचित माने जाते हैं।

गंगातीरी गाय का दूध उत्पादन :-

गंगातीरी गाय की प्रजनन अवधि 14 महीने से 24 महीने के बीच की होती है. इस प्रजाति की गायें काफी दुधारू होती हैं | आमतौर पर ये प्रतिदिन 6 - 8 लीटर दूध देती है फिर भी हम 10 - 15 लीटर दूध देने वाली गायों को देख सकते हैं

हालाँकि गंगातीरी गाये उच्च मात्रा में दूध देने के लिए प्रसिद्द हैं परन्तु ये नस्ल लुप्त होने की कगार पर है. वाराणसी के गौशालाओं में इनका संरक्षण किया जा रहा है |

अगर आप इस गाय / बैल के बारे में और जानना चाहते हैं तो फिर नीचे दिए गए विडियो को ध्यानपूर्वक देखिये 

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