Ongole Cow & Bull: Characteristics and Performance of Ongole | ओंगोल नस्ल की विशेषता और प्रदर्शन

ओंगोल पशु आन्ध्र प्रदेश के नेल्लोर कृष्णा, गोदावरी व गुन्टूर जिलों में पाए जाते है। आँध्रप्रदेश के ओंगोल क्षेत्र में उत्पन्न होने  के कारण इसे ओंगोल नाम दिया गया है
ओंगोल क्षेत्र पहले नेल्लोर जिले में था इसलिए कई स्थानों में इस नस्ल को "नेल्लोर" नाम से भी जाना जाता है।

अधिक जानकारी के लिए नीचे विडियो देखिये

ओंगोल नस्ल की शारीरिक विशेषता :-

ओंगोल पशु सफ़ेद चमकदार रंग में पाए जाते हैं  । नर ओंगोल के सिर, गर्दन, घुटनों और कूबड़ पर काले निशान देखे जा सकते है। गायों के सींग बैल की तुलना में पतले होते  हैं। इस नस्ल के बैल बहोत ही आकर्षक होते हैं . ओंगोल  बैल भारी एवं ताकतवर होते हैं। इनका शरीर लम्बा, किन्तु गर्दन छोटी होती है।
ओंगोले पशु अपनी राजसी चाल, ऊँचा कूबड़, गठीला आकार और गले के नीचे का लटकता हुआ झालरदार मांस से पहचाने जा सकते हैं ।

ओंगोल नस्ल की अन्य विशेषता :-

ओंगोल नस्ल कम संसाधनों में भी अच्छे से पाले जा सकते हैं. ओंगोल प्रजाति सूखा चारा खाकर भी जीवन निर्वाह कर सकती है। ओंगोले दोहरे उद्देश्य वाली नस्ल है। इस नस्ल के बैल बहोत मेहनती होते है . ये बैलगाडी ख़ींचने व कृषि कार्यों में उपयोगी होते है। ये पशु अपने साहस, रोग प्रतिरोध और अच्छी क्षमता के लिए जाना जाते है |

ओंगोल गाय द्वारा दूध उत्पादन :-

ओंगोले गाये उचित मात्रा में दूध देती हैं. ये गाये प्रतिदिन 3 – 8 लीटर तक दूध देती है। ओंगोले नस्ल के जानवरों को बड़े पैमाने पर अमेरिका और ब्राज़ील में निर्यात किया गया है

अगर आप इस गाय / बैल के बारे में और जानना चाहते हैं तो फिर नीचे दिए गए विडियो को ध्यानपूर्वक देखिये

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