Hallikar Cow - Characteristics and Performance of Hallikar Cattle | हल्लिकार नस्ल की विशेषता और प्रदर्शन

हल्लीकार पशु कर्नाटक राज्य मैं उत्पन्न माने जाते हैं मैसूर, मंड्या, बंगलौर, कोलार, और चित्रदुर्ग मैं ये पशु बहुतायत में पाए जाते हैं

हल्लीकार नस्ल की शारीरिक विशेषता :-

हल्लीकर नस्ल के पशु सामान्यतः हल्के भूरे और सफ़ेद रंग में पाए जाते हैं | लम्बे खड़े सींग , मध्यम आकार और वजन, बैलों  के पीठ पर बड़ा कूबड़ आदि इस पशु की प्रमुख विशेषताएं हैं | नर हल्लीकर का वजन लगभग 340 किलोग्राम और मादा का वजन 227 किलोग्राम के आसपास होता है ।

नीचे दिए गए विडियो में आप विस्तारपूर्वक जानेंगे

हल्लीकार नस्ल की अन्य विशेषता :- 

दक्षिण भारत की कई गौ नस्लों का विकास इससे ही किया गया है | हल्लीकर पशु बहोत मेहनती होते है
यह दिन भर बिना आराम के काम कर सकते है | इस नस्ल को सभी प्रकार के कृषि कार्यों के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है |

हल्लीकर नस्ल को उनकी शक्ति और सहनशीलता के लिए जाना जाता है | प्रशिक्षित होने पर हल्लीकार बैल के जोड़े प्रतिदिन 40 मील की दर से सड़कों पर भरी हुई गाड़ी खींच सकते हैं।

हल्लीकार गाय का दूध उत्पादन :-

हालाँकि इस नस्ल के बैल बहोत मेहनती होते हैं लेकिन गाये बहोत कम दूध देती है | इस नस्ल की गाये प्रतिदिन 1-3 लीटर तक ही दूध देती है |

अगर आप इस गाय के बारे में और जानना चाहते हैं तो फिर नीचे दिए गए विडियो को ध्यानपूर्वक देखिये 

अगर आप कृषि, पशुपालन तथा बकरीपालन के ज्ञान तथा नवीनतम टेक्नोलॉजी से अपडेट रहना चाहते हैं तो कृपया  हमें Facebook पर LIKE करना न भूलें  ।

YouTube में हमारे नए - नए वीडियो देखने के लिये यहाँ पर क्लिक करें - Watch Video
अगर आपको यह पसंद आया तो इसे नीचे दिए गए बटनों द्वारा जरुर "Share" करें 
We would greatly appreciate it if you kindly Share This Post With Your Friends Only If You Think The Post Is Helpful...
★★★★★
Your Comment For This Post..?

No comments :

No comments :

Post a Comment