Murrah Buffalo: Characteristics, Performance & MIlk Production of Murrah Buffalo | मुर्रा भैंस
मुर्रा भैंस और उसकी खासियत:-
जिन किसानों के पास पर्याप्त हरे चारे, पेयजल एवं संतुलित दाना आदि की व्यवस्था है उनके लिए भैंसपालन अधिक लाभकारी माना गया है।
मुर्रा भैंस के बारे में और जानने के लिए नीचे विडियो देखें
व्यवसायिक डेरी में आजकल अधिकांश मुर्रा भैंसों को प्रयोग में लाया जाता है । विश्व की सर्वश्रेष्ठ भैंस नस्ल मुर्रा हमारे देश की एक अनमोल विरासत है और इसका पशुधन में सर्वोच्च स्थान है, जिसके कारण इसे ‘काला सोना’ कहा जाता है।
Murrah घरेलू भैंस की एक नस्ल होती है जो डेयरी उत्पादन के लिए प्रयोग में आती है। यह भैंस मूल रूप से भारत के पंजाब और हरियाणा राज्यों से है किन्तु अब यह दूसरे प्रान्तों तथा दूसरे देशों (जैसे इटली, बुल्गारिया, मिस्र आदि) में भी पाली जाती है।
मुर्रा भैंस की शारीरिक विशेषता और खासियत -
मुर्रा पशु भारी-भरकम डील-डोल वाले होते हैं तथा इनकी गर्दन और सिर अपेक्षाकृत हल्के होते हैं। सींग छोटे और कसकर मुड़े होते हैं। इनका रंग काला व पूंछ लंबी होती है। इनका पिछला हिस्सा चौड़ा तथा अगला हिस्सा संकरा होता है । इनकी आंख की पुतली नीली होती है इसलिए इसे नीली या पंच कल्याणी भी कहते हैं। मादा पशु का वजन लगभग 550 किलोग्राम के आसपास होता है तथा मादा पशु की ऊंचाई 133 सेंटीमीटर के आसपास होती है। वहीं नौजवान नर पशु का वजन 650 किलोग्राम के आसपास होता है तथा उसकी ऊंचाई 138 सेंटीमीटर के आसपास होती है।
मुर्रा भैंस का दूध उत्पादन :-
मुर्रा भैंस सबसे अधिक उत्पादन वाली भैंस की नस्ल है। मुर्रा प्रजाति की भैंसे देशी एवं अन्य प्रजाति की भैंसों से दो से तीन गुणा अधिक दूध देती है. यह प्रतिदिन 15 से 20 लीटर दूध आसानी से दे देती हैं । इस भैस की Lactation अथवा दूध देने की अवधि आमतौर पर 280-310 दिन है जो अन्य भैंसों से अपेक्षाकृत लंबे समय तक है । मुर्रा भैंसे अपने एक दूधकाल में लगभग 1800 से 4000 लीटर तक दूध देती हैं। इसके दूध में fat की मात्रा 7 से 8 प्रतिशत होती है। इस वजह से अन्य दुधारू पशुओं के दूध के मुकाबले मुर्रा नस्ल की भैंसों का दूध अधिक दर पर बिकता है।
मुर्रा भैंस की अन्य विशेषता :-
ये भैसें गर्म अथवा ठन्डे किसी प्रकार की जलवायु में भी जीवित रहने में सक्षम होते है । मुर्रा नस्ल की भैंस देख-रेख के लिए आसान होती हैं । अन्य नस्लों की तुलना में इन का स्वास्थ्य बेहतर रहता है क्योंकि इन भैसों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है। मुर्रा नस्ल के भैंस पालने में सबसे बड़ा लाभ यह भी है कि इसकी एक से डेढ़ वर्ष का बच्चा 25 से 30 हजार रुपये में आसानी से बिक जाती है।
मुर्रा नस्ल का नर बच्चा(पाड़ा) भी दो-तीन वर्ष में भैंसा बन जाता है जो 50-60 हजार रुपये में आसानी से बिक जाता है।
ये सभी कारक पेशेवर और organized डेयरी फार्मिंग के लिए Murrah भैंसों अत्यधिक उपयुक्त बनाते हैं ।
नीचे दिए गये Video में आप 'मुर्रा भैसों ' की विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे ।
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व्यवसायिक डेरी में आजकल अधिकांश मुर्रा भैंसों को प्रयोग में लाया जाता है । विश्व की सर्वश्रेष्ठ भैंस नस्ल मुर्रा हमारे देश की एक अनमोल विरासत है और इसका पशुधन में सर्वोच्च स्थान है, जिसके कारण इसे ‘काला सोना’ कहा जाता है।
Murrah घरेलू भैंस की एक नस्ल होती है जो डेयरी उत्पादन के लिए प्रयोग में आती है। यह भैंस मूल रूप से भारत के पंजाब और हरियाणा राज्यों से है किन्तु अब यह दूसरे प्रान्तों तथा दूसरे देशों (जैसे इटली, बुल्गारिया, मिस्र आदि) में भी पाली जाती है।
मुर्रा भैंस की शारीरिक विशेषता और खासियत -
मुर्रा पशु भारी-भरकम डील-डोल वाले होते हैं तथा इनकी गर्दन और सिर अपेक्षाकृत हल्के होते हैं। सींग छोटे और कसकर मुड़े होते हैं। इनका रंग काला व पूंछ लंबी होती है। इनका पिछला हिस्सा चौड़ा तथा अगला हिस्सा संकरा होता है । इनकी आंख की पुतली नीली होती है इसलिए इसे नीली या पंच कल्याणी भी कहते हैं। मादा पशु का वजन लगभग 550 किलोग्राम के आसपास होता है तथा मादा पशु की ऊंचाई 133 सेंटीमीटर के आसपास होती है। वहीं नौजवान नर पशु का वजन 650 किलोग्राम के आसपास होता है तथा उसकी ऊंचाई 138 सेंटीमीटर के आसपास होती है।
मुर्रा भैंस का दूध उत्पादन :-
मुर्रा भैंस सबसे अधिक उत्पादन वाली भैंस की नस्ल है। मुर्रा प्रजाति की भैंसे देशी एवं अन्य प्रजाति की भैंसों से दो से तीन गुणा अधिक दूध देती है. यह प्रतिदिन 15 से 20 लीटर दूध आसानी से दे देती हैं । इस भैस की Lactation अथवा दूध देने की अवधि आमतौर पर 280-310 दिन है जो अन्य भैंसों से अपेक्षाकृत लंबे समय तक है । मुर्रा भैंसे अपने एक दूधकाल में लगभग 1800 से 4000 लीटर तक दूध देती हैं। इसके दूध में fat की मात्रा 7 से 8 प्रतिशत होती है। इस वजह से अन्य दुधारू पशुओं के दूध के मुकाबले मुर्रा नस्ल की भैंसों का दूध अधिक दर पर बिकता है।
मुर्रा भैंस की अन्य विशेषता :-
ये भैसें गर्म अथवा ठन्डे किसी प्रकार की जलवायु में भी जीवित रहने में सक्षम होते है । मुर्रा नस्ल की भैंस देख-रेख के लिए आसान होती हैं । अन्य नस्लों की तुलना में इन का स्वास्थ्य बेहतर रहता है क्योंकि इन भैसों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है। मुर्रा नस्ल के भैंस पालने में सबसे बड़ा लाभ यह भी है कि इसकी एक से डेढ़ वर्ष का बच्चा 25 से 30 हजार रुपये में आसानी से बिक जाती है।
मुर्रा नस्ल का नर बच्चा(पाड़ा) भी दो-तीन वर्ष में भैंसा बन जाता है जो 50-60 हजार रुपये में आसानी से बिक जाता है।
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Posted by Unknown at 6:28 AM No comments :
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