Adopt Modern technology in Dairy Farming - डेयरी उद्योग में आधुनिक तकनीक जरुरी

कोटा, राजस्थान : बोरखेड़ा कृषि विज्ञान केंद्र में रिसेंट एडवांसेज इन डेयरी मैनेजमेंट विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई। जिसमे प्रदेश के दो दर्जन से अधिक कृषि विज्ञान केंद्रों के पशुपालन विशेषज्ञों ने भाग लिया। इन्हें मवेशियों की दुग्ध उत्पादन क्षमता, नस्ल सुधार आदि के बारे में जानकारी दी गई। और डेरी उद्योग आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल की जरुरत पर भी बात की गयी |
यहाँ पशुपालन इकाई के मुख्य अन्वेषक डॉ. महेंद्र कुमार गर्ग ने कहा कि पशुपालकों द्वारा ठीक तरीके से देखभाल करनी चाहिए जिससे मवेशी पूर्ण क्षमता से दूध दे सके।
देशी गाय को गर्भधारण से दो माह पहले से ही संतुलित व पौष्टिक आहार दिया जाना चाहिए जिससे उत्पादन क्षमता दुगनी हो जाएगी। 
यहाँ मौजूद सुरज्ञान गुप्ता ने बताया कि मवेशियों की समय पर पौष्टिक आहार, उपचार, देखभाल की जाए तो यह अन्य उद्योगों के समान आय अर्जन का साधन बन सकते हैं। साथ ही मवेशियों में कृत्रिम गर्भाधान कराकर नस्ल में सुधार किया जा सकता है।
सभी ने आधुनिक तरीके से इस व्यवसाय को अपनाने की बात पर जोर दिया |

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